*गोपाल सेन*
(बंगाल वालिंटियर्स के रहस्य बचाने को गोपाल सेन ने दी अंग्रेजों के हाथों जान)
*मृत्यु : 29 सितंबर, 1944*
अन्य जानकारी : बर्मा में आजाद हिंद फौज सक्रिय थी, गोपाल सेन को उससे संपर्क स्थापित करने में सफलता मिल गई थी।
गोपाल सेन पश्चिम बंगाल के प्रसिद्ध क्रांतिकारी थे।
💁🏻♂️ *परिचय*
गोपाल सेन क्रांतिकारी दल के एक सक्रिय सदस्य थे और जिन दिनों बर्मा में आज़ाद हिन्द फ़ौज सक्रिय थी, गोपाल सेन को उससे संपर्क स्थापित करने में सफलता मिल गई थी। वह किसी बड़े षड़यंत्र की संरचना कर रहे थे; लेकिन पुलिस को उनकी गतिविधियों का पता चल गया।
🪔 *मृत्यु*
एक दिन कलकत्ता स्थित गोपाल सेन के मकान पर छापा मारा गया। वह छत के ऊपर पहुँच गए। पुलिस भी छत पर पहुँच गई। पुलिस ने गोपाल सेन को जीवित गिरफ्तार करना चाहा; पर वह उन लोगों के लिए अकेले ही भारी पड़ रहे थे। आखिर पुलिस के कुछ लोगों ने उन्हे पकड़कर तीन मंजिल मकान की छत से नीचे सड़क पर फेंक दिया। यह घटना 29 सितंबर, 1944 की है। उसी दिन गोपाल सेन की मृत्यु हो गई।
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